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मंगलवार, 10 मई 2011

आरती-जय लक्ष्मी माता

जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता, मैया लक्ष्मी माता,
तुमको निस दिन सेवत, हरी, विष्णु दाता
जय लक्ष्मी माता
उमा रामा ब्रह्मानी, तुम ही जग माता,
मैया, तुम ही जग माता,
सूर्या चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता.
जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपति दाता,
मैया सुख संपति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, रिधी सीधी धन पाता
जय लक्ष्मी माता
तूही है पाताल निवासिनी, तूही शुभ दाता,
मैया तूही शुभ दाता
कर्मा प्रभाव प्रकाशिनी, जगनिधि से तराता,
जय लक्ष्मी माता
जिस घर में तू रहती, सब सुख गुण आता,
मैया सब सुख गुण आता,
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता.
जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यग ना होवे, वस्त्रा ना कोई पता,
मैया वस्त्रा ना कोई पता
ख़ान पान का वैभव, सब तुमसे आता,
जय लक्ष्मी माता
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षिरोधि जाता,
मैया क्षिरोधि जाता
रतन चारूरदश तुम बिन, कोई नहीं पाता,
जय लक्ष्मी माता
आरती लक्ष्मी जी की, जो कोई नर गाता,
मैया जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतार जाता,
जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता, मैया लक्ष्मी माता,
तुमको निस दिन सेवत, हरी, विष्णु दाता
जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता