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शनिवार, 23 अप्रैल 2011

दनादन पूरे होंगे काम करें इस गणेश मंत्र के साथ दिन की शुरुआत

जब शुरुआत बेहतरीन हो तो उससे मिलने वाले नतीजे भी शानदार होते हैं। सफलता का सिलसिला कायम रहता है। ऐसी स्थिति तन, मन और विचारों में उमंग और उत्साह बनाए रख भय, चिंता, तनाव व थकान को दूर रखती है।
हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की उपासना दिल और दिमाग को इसी तरह चुस्त-दुरुस्त रखने वाली ही होती है। क्योंकि गणपति विघ्रनाशक और संकटहर्ता माने गए हैं। उनकी ऐसी ही शक्तियों के कारण से ही किसी काम की शुरुआत को प्रतीक रूप में 'श्री गणेश करना' ही बोला जाता है।
अगर आप भी नौकरी, व्यवसाय से जुड़े हों, गृहस्थ या विद्यार्थी हैं तो दिन की शुरुआत खासतौर पर बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश कीपूजा से करें और यहां बताए जा रहे मंत्र विशेष बोलें -
- स्नान कर थोड़ा समय निकाल देवालय में भगवान श्री गणेश की पूजा करें।
- प्रतिमा की पूजा करने पर पंचामृत या पवित्र जल से स्नान कराएं (यह संभव न हो तो गणपति की तस्वीर की पूजा ही करें)
- स्नान के बाद गंध, फूल, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर, कलेवा चढ़ाकर मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद धूप, दीप लगाकर श्री गणेश  के इन विघ्रनाशक मंत्रों को बोलें और कार्य में बाधाओं से रक्षा की कामना करें -
- ऊँ श्री विघ्रेश्वराय नम: या ऊँ गं गणपतये नम:।
यह गणेश मंत्र भी बोलें -
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभं।
निर्विघ्रं कुरू मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।
- श्री गणेश की आरती कर क्षमाप्रार्थना कर प्रसाद ग्रहण कर अपने काम पर जाएं।

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